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लक्जमबर्ग और भारत के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर हुआ ये बड़ा समझौता 

पिछले कई महीनों से पूरी दुनिया कोरोना वायरस  जंग लड़ रही है। लेकिन अब सभी राहत देने वाली एक खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों में कोरोना की वैक्सीन्स बनाने का काम तेजी से  चल रहा है। इसी के साथ कई एक्सपर्ट्स ने तो ये  दावा भी किया है कि भारत में अगले साल की शुरुआत में लोगों के लिए टीका उपलब्ध भी हो जाएगा। दूसरी तरफ लक्जमबर्ग के पीएम जेवियर बेटटेल ने भारत के साथ मिलकर कोरोना से लड़ाई करने का सुझाव दिया है। इसके लिए उन्होंने गुजरात में वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन प्लांट लगाने का ऑफर दिया, जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद देश के सभी गांवों में वैक्सीन को उपलब्ध कराना और आसान हो जाएगा।


वहीं सूत्रों की मानें तो लक्जमबर्ग फर्म बी मेडिकल सिस्टम्स अगले सप्ताह गुजरात में एक हाई लेवल टीम भेजने वाली है जो वहां पर आकर सोलर वैक्सीन रेफ्रीजिरेटर, फ्रीजर और ट्रांसपोर्ट बॉक्स के साथ साथ एक वैक्सीन कोल्ड चेन भी बनाएगी। बता दें कि किसी भी चीज का एक पूरा प्लांट बनाने में करीब दो साल लग जाते हैं और यही कारण है कि कंपनी ने लक्जमबर्ग से रेफ्रीजिरेशन बॉक्स मंगाकर शुरुआत करने का फैसला किया है। रेफ्रीजिरेटेड ट्रांसपोर्ट बॉक्स के जरिए से चार डिग्री सेल्सियस से लेकर शून्य से 20 डिग्री कम तक वैक्सीन को सुरक्षित किया जा सकेगा।

लक्जमबर्ग के द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव की  मॉनिट्रिंग खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर कर रहे हैं।अब  संभावना ये है कि मार्च 2021 तक वैक्सीन की डिलीवरी के लिए ये पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे। वहीं, बी मेडिकल सिस्टम्स कंपनी का फुल फ्लेज प्लांट गुजरात में फेज 2 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। उसके बाद न सिर्फ भारतीय आवश्यकता पूरी हो सकेगी, बल्कि अन्य देशों को भी एक्सपोर्ट किया जा सकेगा।

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