उत्तराखंड के चमोली से दुखद खबर है। यहां ग्लेशियर में टूटने के कारण ऋषि गंगा के प्रोजेक्ट में कॉपर डैम टूट गया है। इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे कई मजदूरों के बहने की खबर है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
चमोली के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धौलीगंगा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने का निर्देश दिया है। चमोली पुलिस ने बताया कि तपोवन इलाके में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है। अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जाती है।
ITBP की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, नदी किनारे बने कई मकान भी पानी में बह गए हैं। ITBP के जवान मौके की तरफ रवाना हो गए हैं। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा है कि चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है।
ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है।
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डैम टूटने की ये घटना करीब 10 सवा दस बजे के आस पास हुई। घटना स्थल पर 70 से 75 लोग मौजूद थे। जिनमें से कुछ लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने यहां रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। एसडीआरएफ और अन्य टीमें यहां पर पहुंच चुकी हैं। गनीमत की बात ये है कि स्थानीय जनसंख्या बांध टूटने से प्रभावित नहीं हुई है लेकिन उन्हें अलर्ट जारी कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ घटना स्थल पर पहुंच गई हैं। बाकी टीमें रास्ते में हैं, जल्द ही घटना स्थल पर पहुंच गई है। निचले इलाकों में अलर्ट कर दिया गया है क्योंकि बांध टूटने के बाद पानी तेजी से निचले इलाकों की तरफ जा रहा है।
फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यहां चल रहे दो बड़े प्रोजेक्ट्स को बड़ा नुकसान हुआ है लेकिन प्रशासन की पहली प्राथमिकता फंसे हुए लोगों की निकालने की है।
#uttrakhand. #chamoli.