केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने का ऐलान किया। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता है। सरकार के ऐलान के अनुसार जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश होगा, वहीं लद्दाख को दूसरा केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।
अगर बात करें कश्मीर की जनसंख्या की तो, बीते 118 साल में यह पूरी तरह बदल गई है। कभी बौद्ध धर्म तो कभी हिंदू धर्म के प्रमुख केंद्र रहे कश्मीर में पिछले 4 सदी तक मुस्लिम शासक का आधिपत्य रहा। जिसमें यह क्षेत्र काफी लंबे समय तक मुस्लिम का अभिन्न अंग माना जा रहा है। साल 1901 में जब ब्रिटिश के द्वारा भारत की पहली जनगणना कराई गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू-कश्मीर की जनसँख्या 1.25 करोड़ है।
अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुके जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हिंदू मुस्लिम आबादी का समीकरण बदल गया है। इसका असर यहां के चुनाव राजनीति और समाज पर भी पड़ता तय हैं।
1901 जनगणना के अनुसार घाटी में 74 प्रतिशत मुसलमान थे। उनकी कुल संख्या 2115 495 थी। तो वहीं कुल जनसंख्या 29 05578 थी। जिसमें हिंदू 689073 और सिख जनसंख्या 25828 हैं।
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