पटना बख्तियारपुर में बनने वाले पुल का निर्माण लगभग 10 सालों से चल रहा था, लेकिन फिर भी यह अधूरा ही था। बता दें कि पैसों की कमी की वजह से यह काम पिछले 10 सालों में भी पूरा नहीं हो सका जिस पर अब बैंक द्वारा पैसे लगाने की मंजूरी मिल गई है।
खबरों की माने तो बैंक द्वारा की जाने वाली इस लागत के बाद बहुत जल्द ही यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा और उस पर से यातायात भी शुरू कर दिया जाएगा। यह सहमति बैंक द्वारा इसी महीने दी गई है जिसके बाद उम्मीद की जा रही है सितंबर महीने में ही अधूरे पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: ‘पैसे का मोह अनमोल’, खाते में आए 5.5 लाख रुपए कहा प्रधानमंत्री मोदी ने दिए हैं,वापिस क्यों करूँ
जानकारी के मुताबिक बख्तियारपुर का यह पुल गंगा नदी पर बनाया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य 2011 जून में शुरू किया गया था और इसको समाप्त करने का समय 2016 का था लेकिन पैसों की कमी की वजह से ही अब तक पूरा न हो सका। बता दें कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी कि पीपीपी मॉडल के तहत इस कार्य को शुरू किया गया था।
यह भी पढ़ें: ट्रैन हुई लेट तो छूटी फ्लाइट, रेलवे को देना पड़ा जुर्माना ₹35000 का भुगतान
यह पुल टना के बख्तियारपुर और समस्तीपुर के ताजपुर को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर बनाया जा रहा है जिसकी चार लेन होगी। इस पुल को बनाने के लिए एजेंसी ने पैसे की किल्लत का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिये। तब एजेंसी को बिहार राज्य पथ विकास निगम और बैंकों की ओर से बर्खास्त कर दिया गया।
बता दें कि बाद में सरकारी स्तर पर हुई शीर्ष बैठक में यह उभरकर आया कि इस योजना में लगभग 47 फीसदी काम पूरा हो चुका है यानी कि 272 पिलरों का काम पूरा हो चुका है। जानकारी के मुताबिक 1600 करोड़ की इस परियोजना में एजेंसी को बैंकों की ओर से 400 करोड़ से अधिक मिल चुके हैं। ऐसे में किसी और एजेंसी से इस परियेाजना को पूरा कराने के लिए ठेका दिया जाए तो काम में देरी होगी और राशि भी अतिरिक्त खर्च करनी पड़ेगी।
गंगा पर बनने वाले पुल के महत्व को देखते हुए पिछले दिनों विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। जिसमें तय किया गया कि बैंक एक बार फिर से परियोजना की समीक्षा करे। बता दें कि इसके पहले भी एक बार बिहार सरकार के हस्तक्षेप पर ही बैंकों ने निर्माण एजेंसी को कर्ज दिया था। अब एक बार फिर बैंकों ने सरकार के समक्ष सहमति दे दी है कि वह इस परियोजना में पैसा लगाने को तैयार है।
बैंक का कहना है कि इस पुल निर्माण में दोबारा से पैसे लगाने के लिए वे टोल प्लाजा से होने वाली आय कि कर्ज वसूली करेंगे। इस वसूली के लिए बैंकों ने सरकार से आग्रह किया है कि एक बार फिर से ट्रैफिक सर्वे कर ले ताकि पता चल सके कि उससे भविष्य में कितनी आमदनी हो सकती है। जानकारी के मुताबिक टोल प्लाजा से होने वाली आमदनी में बैंकों के अलावा राज्य सरकार और एजेंसी को भी उनके खर्च के अनुसार पैसे मिलेंगे। वही पुल के साथ ही दोनों छोड़ मिलाकर लगभग 46 किलोमीटर का एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा।
News10india में आपका स्वागत है। देश विदेश की अन्य खबरों के लिए जुड़ें news10india.com से
WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे News10India WhatsApp Network Join करें।