महाराष्ट्र का महासमर सज चुका है. विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. एक तरफ शिवसेना बीजेपी ताल ठोक रहे हैं तो दूसरी तरफ एनसीपी-कांग्रेस ने बिसात बिछाई है और इन सबका खेल बिगाड़ने के लिए हैं वंचित बहुजन अघाड़ी.
महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटे हैं 2014 के चुनाव में बीजेपी 122 सीटों पर जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी और पहली पर महाराष्ट्र में बीजेपी को अपना सीएम बनाने का मौका मिला जबकि शिवसेना 63 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर रही तो कांग्रेस के 42 और एनसीपी के 41 विधायक जीत हासिल कर सके थे. लोकसभा चुनाव में मिली भारी सफलता के बाद सत्ताधारी बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के हौसले बुलंद हैं तो वही एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन भी पूरी ताकत से मैदान में उतरता दिख रहा है.
महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटे हैं 2014 के चुनाव में बीजेपी 122 सीटों पर जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी और पहली पर महाराष्ट्र में बीजेपी को अपना सीएम बनाने का मौका मिला जबकि शिवसेना 63 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर रही तो कांग्रेस के 42 और एनसीपी के 41 विधायक जीत हासिल कर सके थे. लोकसभा चुनाव में मिली भारी सफलता के बाद सत्ताधारी बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के हौसले बुलंद हैं तो वही एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन भी पूरी ताकत से मैदान में उतरता दिख रहा है.
सत्ताधारी बीजेपी शिवसेना का गठबंधन जो कुछ महीनो पहले तक दोनों ही पार्टियों के नेताओ के बयान सुनकर आसान लग रहा था, वहाँ फ़िलहाल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ये साफ हो गया है सीटों के बटवारे से लेकर दूसरे कई मुद्दों तक दोनों पार्टियों के नेताओं में मतभेद खुलकर सामने आने लगे है.सीएम फडणवीस विधानसभा का चुनाव गठबंधन में लड़ना चाहते है शिवसेना के सामने बीजेपी ने 119 सीटों का ऑफर रखा है जो शिवसेना को मंजूर नहीं है सूत्र बताते हैं की आधी-आधी सीटों पर शिवसेना चुनाव लड़ने को तैयार है,वही आरे मेट्रो कारशेड के मुद्दे पर भी आदित्य ठाकरे और फडणवीस आमने सामने खड़े दिखाई दे रहे है. उधर कांग्रेस – एनसीपी का गठबंधन तय माना जा रहा है. ऐसे में वोटों का बटवारा टालना है तो छोटे मोटे विवाद भूलकर बीजेपी-शिवसेना को साथ आना होगा.
WRITTEN BY: HEETA RAINA
https://www.youtube.com/watch?v=Vf7CLy0kB5g