Jyoti की रिपोर्ट-
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अयोध्या विवाद पर सुनवाई 10 जनवरी तक टल गई। 10 जनवरी को मामला सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की स्पेशल बेंच के सामने जाएगा। 6 या 7 जनवरी को इस बेंच में शामिल जजों के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। अब नई बेंच ही ये तय करेगी कि क्या ये मामला फास्टट्रैक में सुना जाना चाहिए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस कदर भीड़ थी कि पैर रखने की भी जगह नहीं थी। सीजेआई के सामने जब मामला आया तो उन्होंने कुछ ही सेकंड में 10 जनवरी को सुनवाई की बात कही। स दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वकील हरिनाथ राम की तरफ से दाखिल की गई उस पीआईएल को भी खारिज कर दिया है, जिसमें अयोध्या विवाद की रोजाना सुनवाई की मांग की गई थी।
क्या था इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला?
हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने 30 सितंबर, 2010 को 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में ये केस पिछले आठ साल से है।