
चमोली हादसे के बाद तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे करीब 34 लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। अब नेवी के मारकोस कमांडो भी मौके पर पहुंच गए हैं। आइटीबीपी के 450 जवान एनडीआरएफ की पांच टीमें और सेना की आठ टीम लगातार इस ऑपरेशन में काम कर रहे हैं। इसके अलावा चमोली हादसे को लेकर वायु सेना के पांच हेलीकॉप्टर भी लगातार काम पर लगे हैं। प्रभावित इलाकों में सर्च ऑपरेशन के दौरान श्रीनगर से एक और शव मिला है।
वहीं रेस्क्यू टीम लगातार मलबा हटाकर टनल में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है। टनल के अंदर भारी मात्रा में मलबा होने के कारण इतना ज्यादा वक्त लग रहा है। वहीं सुरंग में करीब 180 मीटर दूर टी-प्वाइंट पर फंसे लोगों को बचाने के लिए अब दूसरे विकल्प भी तलाश किए जा रहे हैं। वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अभी तक 32 शव मिले हैं। मरने वालों में से आठ की पहचान की जा चुकी है। जबकि अभी तक 24 की शिनाख्त नहीं हो सकी है। इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस के दो सिपाहियों के भी शव मिले हैं। वहीं लापता लोगों की सटीक संख्या अभी तक पता नहीं चल सकी है, हालांकि माना जा रहा है कि ये 192 से 204 के बीच हो सकती है। दरअसल 7 फरवरी को रैणी गांव के पास एक बड़ा ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे में 204 लोग लापता हुए थे। इसमें से 33 लोगों के शव मिल चुके हैं। लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है।