जमीन पर बैठकर खाने से हमारी सेहत को कई तरह के लाभ हो सकता है।बता दें कि अगर आप फर्श पर बैठकर रेग्युलर भोजन करते हैं, तो बॉडी पोश्चर सही होता है तथा पाचन तंत्र भी बेहतर तरीके से काम करता है।
इसके अलावा आयुर्वेद में भी यह बताया गया है कि भोजन आसन की मुद्रा में बैठकर ही करना चाहिए।
आयुर्वेद में बताया गया है कि जब हम आगे की ओर झुक कर खाने को मुंह में लेते हैं, तो हमारा गट खाने का सही जगह पहुंचाने में बेहतर तरीके से काम करता है।
इसके साथ ही यह बॉडी पोश्चर को ठीक रखने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने तथा ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर रखने में भी मदद करता है।चलिए जानते हैं कि जमीन पर बैठकर खाने से हमें क्या क्या फायदा होता है।
घरेलू उपचार है सबसे अच्छा, जानिए कैसे
जानिए जमीन पर बैठकर खाने के फायदे
1-आपको बता दें कि जमीन पर बैठकर खाने से पेट की मांसपेशियां लगातार एक्टिव रहती हैं और इससे डाइजेशन अच्छा होता है तथा भूख भी अच्छी लगती है।
2-जमीन पर इस तरह बैठना एक आसन की मुद्रा होती है।इसे सुखासन या पद्मासन की मुद्रा कहा जाता है।इन दोनों ही आसनों से एकाग्रता बढ़ती है और स्ट्रेस दूर होता है।
3-आप जब जमीन पर बैठकर खाते हैं,तो लगातार आगे की तरफ झुकना पड़ता है। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरीके से काम करता है।इसी कारण हार्ट को ब्लड पंप करने में कम मेहनत करनी पड़ती है।
4-इसके साथ ही जमीन पर बैठकर खाने से रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है तथा यहां की मसल्स भी मजबूत बनती है।जिससे शरीर को आराम पहुंचता है।
5-हम जब फर्श पर बैठकर खाते हैं,तो घुटने मोड़ने पड़ते हैं।यह घुटनों की बेहतरीन एक्सरसाइज होती है।इस तरह बैठने से जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है।
6-हार्ट पेशेंट के लिए भी जमीन पर बैठकर खाना हेल्दी माना जाता है। जब जमीन पर बैठकर खाया जाता है तब खून का संचार दिल तक आसानी से होता है,जिससे किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है।
7-इसके अलावा जब हम कुर्सी पर बैठकर खाते है, तो हिप्स टाइट तथा स्ट्रॉग हो सकते हैं,जबकि जमीन पर बैठकर खाने से हिप्स के फ्लेक्सर्स को आसानी से स्ट्रैच सकते हैं।