इससे बुरी किस्मत कहें या ऊपर वाले की मर्जी। उत्तर प्रदेश के जौनपुर से वैक्सीन लगवाने पर एक बुजुर्ग की मौत का मामला सामने आया जहां एक स्वस्थ बुजुर्ग के वैक्सीन लगवाने के आधे घंटे बाद ही उसकी अस्पताल में ही मृत्यु हो गई।
बुजुर्ग की मौत की खबर सुनते ही कतार में खड़े बाकी के लोग बिना वैक्सीन लिए ही अस्पताल से भाग गए।
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यह घटना मंगलवार की बताई जा रही है जब कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने पहुंचे बुजुर्ग की वैक्सीन लेते ही आधे घंटे में ही मौत हो गई जिससे डर कर कतार में लगे बाकी के सभी लोग वहां से भाग खड़े हुए।
मितांवा गांव के रहने वाले जगन्नाथ पाल जिनकी उम्र 65 वर्ष थी, साइकिल से कोरोना वैक्सीन लेने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए थे। वही उनकी पत्नी विमला देवी बाइक से वैक्सीन लगवाने गई थी। वैक्सीन लगाने के बाद डॉक्टर ने उन्हें आधे घंटे तक अस्पताल में ही रुकने को कहा। दोनों दंपती अस्पताल परिसर में हनुमान मंदिर के पास पेड़ की छांव में बैठे थे। करीब आधे घंटे बाद बुजुर्ग को चक्कर आने लगा। जिसके बारे में डाक्टर को सूचित किया गया, लेकिन जबतक डॉक्टर उनके पास पहुंचे तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
मृतक की पत्नी विमला देवी का कहना है कि टीका लगवाने के लिए वह सुबह से ही कतार में खड़े थे। कई घंटों के इंतजार के बाद उन्हें टीका लगाया गया था। टीका लगवाने के आधे घंटे बाद ही वह स्वर्ग सिधार गए। इस घटना पर मृतक के चचेरे भाई उमानाथ ने जानकारी दी कि जगन्नाथ को किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी। वह पूरी तरह स्वस्थ थे। खुद ही साइकिल चलाकर वैक्सीन लगवाने आए थे। वहीं इस बुजुर्ग की मौत के बाद स्वास्थ्य टीम द्वारा स्थानीय थाने पर सूचना दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।
इस घटना की जानकारी मिलने पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एससी वर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। उनका कहना था कि अधिकारी वैक्सीन का रिएक्शन आधे घंटे के अंदर हो जाता है। बुजुर्ग आधे घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में ही थे। इसके बाद वे दर्शन-पूजन करने गए। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।