Breaking News
Home / देश / सुप्रीम कोर्ट की फटकार, व्हाट्एप से कहा- लिख कर दीजिए कि आपके यहां लोगों के मैसेज नहीं पढ़े जाते

सुप्रीम कोर्ट की फटकार, व्हाट्एप से कहा- लिख कर दीजिए कि आपके यहां लोगों के मैसेज नहीं पढ़े जाते

सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्एप से यह लिखित में देने के लिए कहा है कि वह अपने यूजर्स के मैसेज न तो पढ़ता है, न उन्हें किसी से शेयर करता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया जिसमें व्हाट्एप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को भारतीय नागरिकों के साथ भेदभाव करने वाला बताया गया है।

याचिकाकर्ता कर्मण्य सिंह सरीन की तरफ से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने जिरह की. उन्होंने चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच को बताया, “हमने इससे पहले व्हाट्एप की 2016 की पॉलिसी को चुनौती दी थी। वह मसला संविधान पीठ के पास लंबित है। भारत की संसद में डेटा प्रोटेक्शन कानून बनाने वाली है. उसका इंतज़ार किए बिना पहले व्हाट्एप नई पॉलिसी ले आया है.”

व्हाट्एप की नई पॉलिसी पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इसे आधार बनाते हुए व्हाट्एप और फेसबुक की तरफ से पेश वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल, अरविंद दातार और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई न करने की कहा।

लेकिन श्याम दीवान ने कोर्ट को मामले में हुई कार्रवाई की याद दिलाई. उन्होंने यह भी कहा कि यूजर्स की जानकारी फेसबुक से शेयर करने की पॉलिसी भेदभाव भरी है.

दीवान ने बताया कि यूरोप के देशों के लिए व्हाट्एप ने अलग पॉलिसी रखी है. वहां के नागरिकों की निजता को महत्व दिया जा रहा है. लेकिन भारतीयों से भेदभाव किया जा रहा है।

इसके पीछे यूरोपीय यूनियन की तरफ से लागू विशेष कानून को आधार बताया जा रहा है. लोगों के विरोध को देखते हुए व्हाट्एप ने अपनी नई पॉलिसी को 15 मई तक स्थगित किया है. लेकिन निजता पर खतरा बरकरार है।

केंद्र सरकार की तरफ से सुनवाई में मौजूद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि भारत में भी जल्द ही इंटरनेट यूजर्स के निजी डेटा की सुरक्षा का कानून बन जाएगा. लेकिन कानून का न होना किसी को भी यह अधिकार नहीं दे देता कि वह लोगों की निजता से खिलवाड़ करे।

चीफ जस्टिस बोबड़े ने इससे सहमति जताते हुए व्हाट्एप के वकील से कहा, आप 2 या 3 ट्रिलियन की कंपनी होंगे. लेकिन लोग अपनी निजता की कीमत इससे ज़्यादा मानते हैं और उन्हें ऐसा मानने का हक है। इस कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार घोषित किया है। हम इसकी रक्षा को लेकर गंभीर हैं।

व्हाट्एप के वकील कपिल सिब्बल और अरविंद दातार ने दावा किया कि उनके यहां लोगों के मैसेज नहीं पढ़े जाते. कोर्ट ने उनसे यह बात लिखित में देने को कहा. जजों ने सुनवाई 4 हफ्ते के लिए टालते हुए कहा कि वह आगे तय करेंगे कि सुनवाई उनके यहां हो या दिल्ली हाई कोर्ट में

#watsapp. #newprivacypolicy. #Supremecourt

About News Desk

Check Also

उपस्थिति भले कम हो लेकिन सवाल पूछने में टॉप टेन बिहारी सांसद बन गए अजय मंडल

बिहार से लोकसभा में माैजूदगी दर्ज कर रहे सांसदों की एक रिपोर्ट सामने आई है। …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com