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उत्तराखंड में सत्ता की ललक में समाजवादी पार्टी

News DesK Samajwadi Party in the quest for power in Uttarakhand

देवभूमि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही समाजवादी पार्टी एक बार फिर सक्रिय हो गई है। पार्टी का दावा भले ही इस बार सत्ता में आने अथवा सत्ता के नजदीक रहने का है, लेकिन हकीकत यह है कि सपा का पूरा प्रयास राज्य में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने पर रहेगा।

कारण यह कि राज्य गठन के बाद सपा किसी भी विधानसभा चुनाव में कोई सीट हासिल नहीं कर पाई है।

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इस बार पार्टी स्थानीय मुद्दों, यानी जल, जंगल जमीन, पिछड़े सामान्य वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण, पलायन रोकने को चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है।

इसके अलावा सपा क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है।

देवभूमि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद समाजवादी पार्टी देवभूमि उत्तराखंड में राजनीतिक धरातल नहीं तलाश पाई है। इसका एक मुख्य कारण देवभूमि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान का रामपुर तिराहा कांड भी रहा है।

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संयुक्त उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान दिल्ली कूच कर रहे निहत्थे राज्य आंदोलनकारियों पर पुलिस ने रामपुर तिराहे पर फायङ्क्षरग की थी, जिसमें कई आंदोलनकारियों ने अपनी जान गंवाई थी।

यह कलंक सपा के माथे पर ही लगा। यही कारण रहा कि वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार संसदीय सीट पर जीत को अपवाद माना जाए तो शेष चुनावों में सपा का सूपड़ा साफ हुआ।

बता दे की वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राजेंद्र बाडी सपा से सांसद बने थे। यह पहला और आखिरी चुनाव रहा, जिसमें समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद देवभूमि उत्तराखंड में जीत दर्ज की।

यह बात अलग है कि राज्य गठन और देवभूमि उत्तराखंड आंदोलन से पहले देवभूमि उत्तराखंड क्षेत्र से कई विधायक सपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा तक पहुंचे थे।

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इनमें मुन्ना सिंह चौहान, मंत्री प्रसाद नैथानी, अंबरीश कुमार और बर्फीयालाल जुवांठा के नाम नाम शामिल हैं।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एसएन सचान ने बताया की पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति में बदलाव किया है।

इस बार राज्य के मूल मुद्दों यानी जल, जंगल, जमीन व पलायन के साथ ही मंडल आयोग की संस्तुतियों के अनुसार गरीब सवर्णों को साक्षरता के हिसाब से 27 प्रतिशत आरक्षण पार्टी के मुख्य मुद्दे होंगे।

उनका दावा है कि इस बार पार्टी सत्ता में आएगी अथवा सत्ता के निकट रहेगी।

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