महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है। कभी-कभी इसे केवल भारत कहा जाता है। यह काव्य ग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है।
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जहां एक ओर मानवीय मूल्यों और नैतिक गुणों को जीवन में आत्मसात करने पर ज़ोर दिया गया है वहीं वरदान और श्राप की महिमा भी पुरज़ोर तरीक़े से बतायी गयी है।
संपूर्ण महाभारत चमत्कार, रहस्य, वरदान और शाप का एक लेखा-जोखा है। महाभारत में वैसे तो सैकड़ों शाप और वरदान मिल जाएंगे लेकिन हम यहां कुछ प्रमुख शाप के बारे में ही बताएंगे, जो बहुत ही चर्चित रहे हैं।
‘शाप’ शब्द संस्कृत भाषा के ‘श्राप’ का अपभ्रंश है। ‘शाप’ को उर्दू में ‘बददुआ देना’ कहते हैं तो अंग्रेजी में ‘कर्स’ (curse) कह सकते हैं। कई जगह शाप को शार्प यानी तीखे रूप में भी प्रयोग किया गया है, जैसे अंग्रेजी के नियर को हिन्दी के निकट और नियरे शब्द से लिया गया माना जाता है। आपने सुना होगा ‘निन्दक नियरे राखिये’।
महाभारत के 10 महत्वपूर्ण श्राप
वशिष्ठ ऋषि का वसुओं को श्राप
पांडु को दिया ऋषि ने शाप
अम्बा का भीष्म को शाप
परशुराम का कर्ण को शाप
उर्वशी का अर्जुन को शाप
गांधारी का श्रीकृष्ण को वंश नाश का शाप
अश्वत्थामा को श्रीकृष्ण ने दिया शाप
दुर्योधन को मिला शाप ही बना हार का कारण
भीमपुत्र घटोत्कच को द्रौपदी ने श्राप दिया
ऋंगी ऋषि का राजा परीक्षित को शाप
इस तरह ये कुछ मुख्य 10 श्राप हैं जिनके कारण महाभारत की मानवीय मूल्यों को समझने के लिए एक अनमोल धरोहर है।