सेंन्ट्रल डेस्क, अमित दत्त: 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक है. चुनावों की तारीखों का भी जल्द एलान होने की संभावना है. लेकिन इससे पहले बीजेपी के लिए उसकी अपनी हीं पार्टी के बड़े नेता गोपीनाथ मुंडे की मौत मिस्ट्री गले की बड़ी फांस बनकर कर सामने आई है. दरअसल लंदन में पत्रकारों के एक सम्मेलन में वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए एक कथित हैकर सय्यद शुजा ने यह दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनावों के वक्त ईवीएम की हैकिंग कराई गई थी. हैकर ने इससे बड़ा दावा यह किया कि बीजेपी के गद्दावर नेता गोपीनाथ मुंडे की मौत एक एक्सिडेंट नहीं बल्की हत्या थी. सय्यद ने दावा किया है कि की बीजेपी नेता मुंडे हैकिंग के बारे में जानते थे और इसी के कारण उनकी हत्या की गई. इस सम्मेलन के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी वहां मौजूद थे।
कथित हैकर के इस दावे के बाद से देश की राजनीति उफान पर है. कथित हैकर के दावों ने बीजेपी पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े कर दिए है. वहीं अब गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे ने इस पूरे मामले की जांच रॉ से या सुप्रीम कोर्ट के किसी वरिष्ठ जज की देखरेख में कराने की बात कही है. हैकर के दावे अगर सही हुए तो चुनाव से पहले बीजेपी के लिए खासतौर पर महाराष्ट्र में बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती हैं. हालांकि आपको बता दें कि हैकर के दावों की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई है. उल्टा बीजेपी ने लंदन में हुई प्रेस कांफ्रेेंस में कांग्रेस के बड़े नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि आगामि 2019 लोकसभा चुनावों में ईवीएम के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने में कामयाब हो पाता है या नहीं.
गोपीनाथ मुंड़े की शख्सियत के बारे में :—
गोपी नाथ मुंड़े बीेजेपी के बड़े कद्दावर नेताओं में से थे. जिस तरह देश के प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी की आम लोगो में एक अलग किस्म की छवि हैं वैसे हीं गोपीनाथ मुंडे भी महाराष्ट्र के बड़े नेता थे । बीजेपी के लिए वे महाराष्ट्र में समुद्र में नमक की तरह थे । बीजेपी की रैलियों में महाराष्ट्र में अगर कोई जनता का सैलाब बुलाने की कुबत रखता था तो वे गोपीनाथ मुंडे हीं थे। भाजपा को महाराष्ट्र में खड़ा करने का श्रेय अगर किसी नेता को जाता है तो वो सिर्फ गोपी नाथ मुंडें ही थे, 1994 में हुए विधानसभा चुनावों में सफलता पाने के बाद गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के उप मुख्य मंत्री बने थे. उनकी मौत 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद दिल्ली में एक कार एक्सिडेंट में हुई थी.
कैसे हुई थी गोपी नाथ मुंडे की मौत
बीजेपी के गद्दावर नेता गोपीनाथ मुंडे की मौत 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद हीं हो गई थी. लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद उन्हे मोदी कैबिनेट में मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन 4 जून 2014 मंगलवार को कार एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई थी. पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिल्ली से मुंबई के लिए प्लाइट पकड़ने को अपने घर से निकले थे. लेकिन रास्ते में ही उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था. वे मंत्री बनने के बाद पहली बार मुंबई जा रहे थे. वहां उनका स्वागत समारोह होना था.
गोपीनाथ मुंडे दिल्ली के अपने आवास से 21 लोधी स्टेट से सुबह 6 बजकर 12 बजे निकले थे.उनकी गाड़ी का नंबर डीएल8सीबीएफ0034 था. साथ में उनका पीए भी था. गाड़ी ड्राइवर चला रहा था. उनकी कार का एक्सीडेंट पृथ्वीराज रोड—तुगलकरोड इंटरसेक्शन , अरबिंदों मार्ग के पास हुई. एक कार जो बाई तरफ से आती है वह उनकी कार से टकराती है. यह इंडिका कार थी, जिसका नंबर डीएल7सीई5459 था. इस कार के टक्कर के कारण मुंडे जो अभी तक कार में पेपर पढ़ रहे होते हैं वें ड्राइवर की सीट से जा टकराते हैं. इस हादसे के बाद उनकी तबीयत बिगड़ती है. उनके साथी उन्हे पानी पिलाते हैं जिसके बाद वे अस्पताल ले चलने की बात कहते हैं.
बीजेपी नेता की हालत देख ड्राइवर और उनका पीए दोनो घबराकर कार को सफदरगंज अस्पताल की ओर मोड़ देते हैं. एम्स ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों ने जब उन्हें देखा तो न तो उनकी सांस चल रहीं थी न नब्ज़, न ब्लडप्रेशर और न ही उनका दिल धड़क रहा था. उन्हे बचाने के लिए डॉक्टरों ने उनकी हालत को सीपीआर के जरिए सुधारने की कोशिश की. 20 मिनट की कोशिश के बाद डॉक्टरों ने मुंडे को 7 बजकर 20 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इस पूरे मामले को लेकर हिरासत में लिए इंडिका कार के ड्राइवर को सुप्रीम कोर्ट रिहा कर देती है. कोर्ट ने इस बात को माना कि रेड लाइट मंत्री के ड्राइवर ने ही जंप की थी जिसके कारण यह हादसा हुआ वहीं इस हादसे को लेकर कहा गया कि गोपीनाथ मुंडे की मौत गर्दन टूटने के कारण हुई.